फोरेक्स ट्रेडिंग क्या है?

करेंसी ट्रेडिंग को फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग या फिर फोरेक्स ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है। करेंसी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा को बाजार में खरीदना और बेचा जाता है।

मुद्रा व्यापार (Currency trading) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नियंत्रित किया जाता है और मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के माध्यम से संचालित किया जाता है।

कोई भी बैंक या फिर फाइनेंसियल इंस्टीटूशन जैसे की ब्रोकर द्वारा आप करेंसी ट्रेडिंग में भाग ले सकते है।

मुद्रा व्यापार में हमेशा मुद्राओं की एक जोड़ी के बीच व्यापार होता है। भारत में USD/INR, EUR/INR, GBP/INR, और JPY/INR करेंसी का ज्यादा व्यापार होता है। करेंसी ट्रेडिंग में रिस्क बहोत ज्यादा होती है इसलिए फोरेक्स ट्रेडिंग करते समय सावधानी से विचार करना चाहिए या फिर पेशेवर वित्तीय सलाहकार की सलाह लेना जरुरी है।

करेंसी ट्रेडिंग के दो मुख्य प्रकार हैं। पहला स्पॉट मार्केट या कैश मार्केट है। और दूसरा है futures market. इंडिया में अधिकतर फ्यूचर करेंसी मार्किट में करोभार होता है।

करेंसी ट्रेडिंग कैसे करे?

करेंसी ट्रेडिंग कैसे करे?

  • करेंसी ट्रेडिंग करने के लिए, तो पहले ब्रोकर की मदद से एक ट्रेडिंग खाता खोलें।
  • खुद रिसर्च कीजिये व फिर पेशेवर फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह ले
  • शुरुआती में थोड़े पैसे से निवेश की शुरुआत करें।
  • स्टॉप लॉस या लिमिट ऑर्डर से ट्रेडिंग करे।

आम तौर पर यदि भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिर रहा है, तो यह रुपये खरीदने और डॉलर बेचने का एक अच्छा समय हो सकता है।