डिबेंचर क्या होता है?

डिबेंचर एक प्रकार का ऋण साधन (debt instrument) है जो कंपनियों या सरकारों द्वारा कैपिटल जमा करने के लिए जारी किया जाता है। जब कोई निवेशक डिबेंचर में निवेश करता है तो उसको जारीकर्ता कंपनी/गवर्नमेंट द्वारा एक निर्देशित समय के अवधि में ब्याज और अवधि के अंत में मूल राशि मिलती है।

हर किसी कंपनी को आईपीओ द्वारा पैसे जमा करना संभव नहीं होता, तो ऐसी कंपनियां बॉन्ड और डिबेंचर के जरिए आम जनता से उधार ले सकती हैं।

डिबेंचर एक लीगल प्रमाणपत्र है जिसमे निवेश राशि (मूल राशि), ब्याज दर और भुगतान के समय मेंशन किया जाता है।

डिबेंचर क्या होता है?

डिबेंचर के प्रकार

सुरक्षा (security) के आधार पर

१. सिक्योर्ड डिबेंचर: (Secured Debentures)

सुरक्षित या सिक्योर डिबेंचर में जारीकर्ता कंपनी विशिष्ट संपत्ति गिरवी रखते है। यदि वे उल्लिखित रिटर्न्स का भुगतान नहीं कर सकती है तो वो संपत्ति निवेशक को स्थानांतरित की जाती है।

२. अनसिक्योर्ड डिबेंचर: (Unsecured Debentures)

इन डिबेंचर में जारीकर्ता कंपनी द्वारा कोई भी संपत्ति की बैकिंग नहीं होती। इसलिए, उन्हें असुरक्षित डिबेंचर कहा जाता है।

कार्यकाल (Tenure) के आधार पर

३. रिडीमेबल डिबेंचर: (Redeemable Debentures)

इनमें रिडेम्पशन की तारीख होती है और डिबेंचर के प्रमाण पत्र पर इसका उल्लेख है। इसमें ब्याज एक निश्चित तिथि पर मिलता है और मैच्योरिटी पर मूल राशि का पेमेंट किया जाता है।

४. इरररिडीमेबल डिबेंचर: (Irredeemable Debentures)

इन डिबेंचर के मैच्योरिटी की कोई विशिष्ट तिथि नहीं है। म्याचुरिटी तभी होती है जब जारीकर्ता कंपनी लिक्विडेट होती है।

कन्वर्टिबिलिटी के आधार पर

५. कनवर्टिबल डिबेंचर: (Convertible Debenture)

कनवर्टिबल डिबेंचर वे होते हैं जहां धारकों को अपनी डिबेंचर होल्डिंग्स को कंपनी के इक्विटी शेयरों में बदलने का अधिकार होता है। समाप्ति पर, डिबेंचर को इक्विटी शेयरों में परिवर्तित किए जा सकते हैं। डिबेंचर धारक इसे पूर्ण या आंशिक रूप से शेयरों परिवर्तित कर सकता है और शेयरधारक बन सकता है।

६. नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर: (Non Convertible Debentures)

नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर समाप्ति पर शेयरों में परिवर्तित नहीं होते हैं। आम तौर पर नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर में ब्याज दर अधिक होता है।

डिबेंचर एक सेफ इन्वेस्टमेंट है। अन्य निवेश साधनों की तुलना में डिबेंचर स्टेबल रिटर्न्स प्रदान करते हैं। जारीकर्ता कंपनी को प्रॉफिट हो या लॉस, वो ब्याज और मूल राशि का भुगतान करने के लिए बाध्य रहते है।